
अहमदाबाद, 12 जून 2025 — लंदन गैटविक जा रही एयर इंडिया की फ़्लाइट AI‑171 (बोइंग 787‑8 ड्रीमलाइनर) गुरुवार दोपहर 1 बजकर 39 मि. पर सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से उड़ान भरते ही महज़ 30 सेकंड बाद शहर के मेघानिनगर स्थित बी.जे. मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स हॉस्टल पर आकर गिर गई। विमान में सवार 242 लोगों में से 241 की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि सीट 11A पर बैठे ब्रिटिश‑भारतीय नागरिक विश्वशकुमार रमेश (40) अकेले जीवित बच निकले।
हादसा इतना भीषण था कि 650 फुट की ऊँचाई पर इंजन में आई तकनीकी गड़बड़ी के बाद विमान सीधे तीन‑मंज़िला हॉस्टल व कैंटीन पर आ गिरा। घटनास्थल पर मौजूद डॉक्टरों, रोगियों और कर्मचारियों में से कम‑से‑कम चार डॉक्टर तथा एक गर्भवती महिला सहित कई लोगों की जान चली गई और दो दर्जन से अधिक चिकित्सा‑छात्र झुलस गए या घायल हुए।
दुर्घटना में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी जीवन‑लीला समाप्त कर बैठे। पायलट कप्तान सुमीत सभरवाल (8,200 उड़ान‑घंटों का अनुभव) व फ़र्स्ट ऑफ़िसर क्लाइव कुंदर, दस क्रू‑सदस्यों सहित सभी कर्मी काल‑कवलित हो गए। उड़ान भरते ही कॉकपिट से “मेडे” कॉल मिली, पर संपर्क तुरन्त टूट गया। ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया है, जिससे तकनीकी कारणों की पुष्टि की जाएगी।
NDRF, IAF, BSF और NSG की संयुक्त टीमों ने 65 दमकल और 50 एंबुलेंस के साथ रात‑भर चलाया बचाव‑अभियान; शवों की शिनाख्त के लिए डीएनए नमूने जुटाए जा रहे हैं। PM नरेंद्र मोदी ने स्थल का निरीक्षण कर शोक संतप्त परिवारों से मुलाक़ात की, जबकि बोइंग और DGCA ने संयुक्त जाँच की घोषणा की। यह 787‑8 ड्रीमलाइनर की पहली घातक दुर्घटना और भारत के इतिहास का सबसे भयावह एकल‑विमान हादसा बन गया।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ भी तेज़ रहीं—ब्रिटेन के किंग चार्ल्स III तथा अन्य राष्ट्राध्यक्षों ने संवेदना प्रकट की। एयर इंडिया ने मृतकों के परिजनों को अंतरिम मुआवज़े की पेशकश की है। विस्तृत जाँच रिपोर्ट आने तक लंदन‑रूट की सभी एयर इंडिया 787 उड़ानों पर अतिरिक्त तकनीकी परीक्षण अनिवार्य कर दिया गया है।